Saturday, June 07 ,2025

AMH Test in Hindi : जानिए एएमएच टेस्ट क्या है और क्यों किया जाता है?


amh test in hindi

बच्चे की प्लैनिंग करना या संतान प्राप्ति के बारे में सोचना एक कपल के लिए बहुत ही बड़ा फैसला होता है और एक बहुत बड़ी खुशी भी होती है। लेकिन कई बार बहुत कोशिशों के बाद भी जब संतान का सुख नहीं मिल पाता है तब अक्सर फर्टिलिटी से जुड़ी कोई समस्या सामने आ सकती है। यह समस्या दंपति में से भी एक को हो सकती है या फिर दोनों को हो सकती है। अगर किसी महिला में फर्टिलिटी से जुड़ी समस्या सामने आती है तो उसका कारण अंडों का कम होना हो सकता है और डॉक्टर उसको जानने के लिए एएमएच टेस्ट की सलाह देते हैं। एएमएच क्या है? लो एएमएच के लक्षण क्या हो सकते हैं, इसकी सामान्य सीमा उम्र के हिसाब से क्या होती है आदि जैसी चीजों के बारे में इस ब्लॉग के जरिए जानेंगे। ! 

 

एएमएच क्या है? (What is AMH in hindi?)

 

एंटी-मुलेरियन हार्मोन (Anti-Müllerian hormone) जिसको एएमएच भी कहते हैं। यह महिलाओं में मौजूद होता है और एएमएच हार्मोन एक प्रोटीन है जो अंडाशय के अंदर अंडे की थैली विकसित करने वाली कोशिकाओं द्वारा उत्पन्न होता है। ब्लड में एएमएच लेवल अंडाशय में शेष अंडों की संख्या के बारे में जानकारी देता है। इसको ओवेरियन रिजर्व कहते हैं। एएमएच टेस्ट का इस्तेमाल प्रजनन चिकित्सा के लिए किया जाता है। महिला की प्रजनन क्षमता और आईवीएफ जैसे प्रजनन उपचारों के लिए भी एएमएच टेस्ट किया जाता है। अगर हाई एएमएच लेवल है तो यह हाई ओवेरियन रिजर्व का इशारा है, वहीं अगर स्तर कम है तो यह लो ओवेरियन रिजर्व कहलाता है। 

 

एएमएच स्तर कम होने के लक्षण (Symptoms of low AMH levels in hindi)

 

अनियमित मासिक चक्र

 किसी भी महिला में अगर अनियमित मासिक धर्म की समस्या नज़र आ रही है तो यह बहुत सी बड़ी समस्याओं की ओर इशारा होता है। उसमें से एक है एएमएच का स्तर कम होना। आप नियमित रूप से डॉक्टर से अपने एएमएच लेवल की जांच करवा सकते हैं। 

पीसीओएस (PCOS)

यह समस्या शरीर में कई परिवर्तन का कारण बन सकती है। जिससे महिला के शरीर में स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें पैदा होने लगती है। यह शरीर में हार्मोनल बदलाव का एक बड़ा कारण होता है। इसलिए एएमएच लेवल की मौजूदगी की जांच समय-समय पर करवानी चाहिए। 

अंडाशयी कैंसर (ovarian cancer)

अंडाशय महिलाओं की प्रजनन प्रणाली का एक बहुत अहम अंग होता है, जो महिला के शरीर में अंडे और हार्मोन का उत्पादन करता है। ओवेरियन कैंसर महिलाओं के अंडाशय से होता है। कैंसर कोशिकाओं के असामान्य रूप से बढ़ने की वजह से होता है जो बाद में जाकर धीरे-धीरे ट्यूमर बन जाता है।

रजोनिवृत्ति (Menopause)

अगर आपको समय से पहले रजोनिवृत्ति का सामना करना पड़ रहा है तो आप एक बार डॉक्टर से परामर्श लीजिए। यह बांझपन का संकेत हो सकता है। 

 

एएमएच टेस्ट क्यों किया जाता है? (Why is an AMH test done in Hindi?)

 

महिलाओं में फर्टिलिटी पीरियड को जानने के लिए एएमएच टेस्ट किया जाता है। आइए जानते हैं कि वह विभिन्न कारण कौन-से जिसकी वजह से आपको एएमएच टेस्ट की सलाह दी जा सकती हैं:-

  • अगर किसी भी महिला को लंबे समय से गर्भधारण करने में बार-बार असफलता हो रही हो तो डॉक्टर उन्हे इस टेस्ट की सलाह देते हैं। 

  • अगर आप अपने मेनोपॉज की स्थिति की जानना चाहती है तब भी यह टेस्ट करवा सकती है। 

  • किसी-किसी महिला में जल्दी मेनोपॉज आ सकता हैं और इसकी वजह जानने की लिए आप इस टेस्ट की मदद ले सकती है। 

  • एमेनोरिया के पीछे का कारण यानि मासिक धर्म की कमी का विश्लेषण करने के लिए भी इस टेस्ट को करवाया जा सकता है। 

  • पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम यानि पीसीओएस का निदान करने के लिए डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह दें सकते हैं। 

  • ओवेरियन कैंसर से जूझ रही महिलाओं की सेहत निगरानी के लिए यह टेस्ट किया जाता है। 

  • अगर आप भविष्य के लिए अपने अंडे फ्रीज करवाना चाहती है तो आप इस टेस्ट का सहारा ले सकते हैं। 

 

एएमएच टेस्ट की सामान्य सीमा क्या है? (What is the normal range of the AMH test in Hindi?)

 

एएमएच का उत्पादन महिला के 36 सप्ताह के गर्भ में ही शुरू हो जाता है। जब महिलाएं किशोरावस्था में आती है तब यह बढ़ जाता है। महिला 25 वर्ष की आयु में होती है  तो एएमएच का स्तर अपनी चरम पर होता है, जिसके बाद उम्र के साथ यह स्तर धीरे-धीरे कम होने लगता है। फिर अंत में यह मेनोपॉज की ओर ले जाता है। एक महिला के गर्भवती होने के लिए अनुकूलतम एएमएच स्तर रेंज 1.5 ng/mL से 4.0ng/mL  की होती है। एक शोध के अनुसार, युवा महिलाओं में उनकी उम्र के आधार पर एएमएच का अनुकूलतम स्तर होता है, आइए जानते हैं उसके बारे में- 

  • जब महिला की उम्र 25 वर्ष होती है तो उनका एएमएच का अनुकूलतम स्तर 3.0 ng/mL से ज्यादा हो सकता है। 

  • जब महिला की उम्र 30 वर्ष होती है तो उनका एएमएच का अनुकूलतम एएमएच स्तर 2.5 ng/mL  से ऊपर हो सकता है। 

  • जब महिला की उम्र 35 वर्ष होती है तो उनका एएमएच का अनुकूलतम एएमएच स्तर 1.5 ng/mL से ऊपर हो सकता है। 

  • जब महिला की उम्र 40 वर्ष होती है तो उनका एएमएच का अनुकूलतम एएमएच स्तर 1.0 ng/mL  से ऊपर हो सकता है।

  • जब महिला की उम्र 45 वर्ष से ज्यादा होती है तब उनमें एएमएच का अनुकूलतम स्तर 0.5 ng/mL से ज्यादा हो सकता है।

 

एएमएच लेवल को कैसे बढ़ाया जा सकता है? (How can AMH level be increased in Hindi?)

 

महिलाओं में एक निश्चित उम्र के बाद एएमएच लेवल कम होना बहुत ही स्वाभाविक बात है। मगर आप चाहे तो जब तक वह समय नहीं आता है तब तक के लिए एएमएच स्तर को बढ़ाने के लिए कुछ बातों का ध्यान रख सकती है :- 

  1. आप धूम्रपान और तंबाकू युक्त चीजों का सेवन बंद कर दें। 

  2. कोशिश करें कि आप एक सामान्य बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) को बनाए रखें। 

  3. अगर आप मोटे है या अधिक वजन है तो वजन कम करें। 

  4. विटामिन-डी युक्त चीजों का सेवन करें। 

  5. अपनी डाइट में फैट का सेवन सीमित करें। ऐसा करने से एएमएच लेवल में सुधार आएगा। फैट शरीर में एएमएच स्तर को घटा सकता है।

  6. अपनी डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर भोजन को शामिल कर सकते हैं, जिससे एएमएच लेवल सुधर सकता है।

 

एएमएच टेस्ट कैसे किया जाता है? (How is the AMH test done in hindi?)

 

ब्लड में एएमएच लेवल को मापने के लिए ब्लड टेस्ट होता है। यह महिला के मासिक धर्म चक्र के दौरान किसी भी समय में किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि पूरे मासिक धर्म चक्र के समय एएमएच लेवल में महत्वपूर्ण रूप से कोई उतार-चढ़ाव नहीं होता है। एएमएच टेस्ट के परिणाम की व्याख्या डॉक्टर द्वारा की जाती है। साथ ही यह भी समझें कि एएमएच एक उपयोगी मार्कर है। लेकिन यह प्रजनन क्षमता का पूर्ण मानक नहीं है। प्रजनन क्षमता को जानने के लिए अन्य कारक में उम्र, समग्र स्वास्थ्य और प्रजनन अंगों का स्वास्थ्य होना भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

नोट: 

एएमएच टेस्ट के जरिए बांझपन की समस्या के बारे में जानना जा सकता है। आप सही आहार और स्वस्थ आदतें अपनाते हैं तो एएमएच लेवल को सुधारा जा सकता है।